Thursday 14 April 2016

DEEP REVIEW: Ki & Ka- A must watch, movie with a message

की एंड काः नसीहत कम सबक ज्यादा, देखें जरूर 

RATING- 4*


अक्सर हमें निजी व सार्वजनिक जीवन में ऐसे तमाम उदाहरण मिलेंगे जहां महिलाओं, खासकर प्रतिभाशाली महिलाओं, को घर की चौखट के अंदर रसोई में मरते-खपते देखते हैं। इसके लिए उन्हें कभी कोई क्रेडिट नहीं दिया जाता, ये कहकर कि ये तो उनका काम है। कभी ये किसी के दिमाग में नहीं आया कि क्या मर्द भी औरतों की भूमिका में आ सकते हैं ? हमेशा चुनौतीपूर्ण विषयों पर फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर आर बल्की ने इस बार इसी मसले पर फिल्म बनाई है। फिल्म एक प्रयोग के साथ शुरू होती है और बहस करते हुए समाधान पर खत्म होती है। ये बात और है कि अपनी बात कहने के लिए फिल्म में कुछ नाटकीयता भी रखी गई है लेकिन फिल्म अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब रहती है।

फिल्म की समीक्षा इसकी रिलीज के दूसरा हफ्ता खत्म होने पर करने की सबसे बड़ी वजह ये है कि फिल्म के प्रोमो व इसके बारे में आ रहे इंप्रेशन से इसे देखने का मन ही नहीं हो रहा था। पर फिल्म के बारे में अलग-अलग माध्यमों से कई तरह का फीडबैक मिल रहा था और खासतौर से करीना कपूर के अभिनय के बारे में जो प्रतिक्रियाएं आ रही थी उसी की वजह से फिल्म मैंने देखी। फिल्म देखने के बाद लगा कि अगर नहीं देखता तो गलती होती। फिल्म अपने विषय को पूरी ईमानदारी के साथ फोकस करती है। अगर औरतें चूल्हा चौका कर सकती हैं तो मर्द क्यों नहीं। जिस तरह से हर सफल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है उसी तरह से एक सफल औरत के पीछे मर्द का हाथ क्यों नहीं हो सकता।

फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है इसकी परेफेक्ट कास्टिंग। करीना व अर्जुन कपूर इस प्रयोगधर्मी फिल्म के लिए एकदम फिट हैं। करीना उम्र में अर्जुन से बड़ी हैं और वर्किंग हैं। दूसरी ओर अर्जुन आईआईएम-बी का टापर है लेकिन फिर भी सफलता की अंधी दौड़ में शामिल नहीं होना चाहता। वह चाहता है कि जिस तरह से उसकी मां ने अपने घर-परिवार के लिए अपना सब कुछ दे दिया वह भी कुछ ऐसा ही करे। इसके पीछे अर्जुन का तर्क है कि घर चलाना और संवारना एक आर्ट है और इसलिए उसकी मां एक बड़ी आर्टिस्ट थी। अर्जुन के पिता (रजत कपूर) दिल्ली के सबसे बड़े बिल्डर हैं और दूसरे पिताओं की तरह चाहते हैं कि वह उनका कारोबार संभाले। शुरू में करीना को भी यह लगता है कि शायद वह मजाक कर रहा है लेकिन अर्जुन गंभीरता से अपने काम को लेता और शादी के पहले दिन से ही कुशल ग्रहणी की तरह अपना जिम्मेदारी संभाल लेता है। जो चुनौतियां उसके सामने आनी थी वो आती हैं और अंत में वह यह साबित करने में सफल होता है कि मर्द भी किसी से कम नहीं।

फिल्म में कई बार मौके आते हैं जब झूठ का सहारा लिया जा सकता था लेकिन बल्की ने ऐसा नहीं किया और अपने विषय के प्रति ईमानदार रहे। अलबत्ता ये बात और है कि जिस वर्ग के किरदारों के माध्यम से उन्होंने अपने सच को स्थापित किया है वह वर्ग ही फिलहाल इसे स्वीकार कर सकता है। आम भारतीय समाज में शायद इस तरह के प्रयोग न चल पाएं। बहरहाल बल्की की तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने इस विषय पर फिल्म बनाई और काफी हद तक दर्शकों को आकर्षित करने में भी सफल रहे।

अभिनय के लिहाज से करीना कपूर सब पर भारी पड़ती हैं। वे यह साबित कर देती हैं कि अगर उन्हें अच्छा रोल मिले और निर्देशक थोड़ी सी छूट दे दे तो वे कमाल कर सकती हैं। उनका अभिनय ‘जय गंगाजल’ की प्रियंका व ‘नीरजा’ की सोनम कपूर से कहीं ऊंचे दर्जे का है। वे कहीं भी नाटकीय नहीं होती। बेहद सुंदर लगती हैं और एक कामकाजी महिला के किरदार को उन्होंने इतने बेहतरीन तरीके से निभाया है कि कहीं लगता ही नहीं कि वे अभिनय कर रही हैं। दफ्तर की कामकाजी महिला के अलावा अपने पति के साथ रोमांस करने के लिए उत्तेजित महिला के चरित्र को भी उन्होंने शानदार तरीके से निभाया है। उनके कास्ट्यूम भी बेहतर डिजाइन किए गए हैं। अगर बेस्ट सीन की बात करें तो करीना अस्पताल में जब अर्जुन पर फटती हैं तो कमाल कर देती हैं। उनके अभिनय के सामने आज के दौर की तमाम हिरोइन बौनी नजर आती हैं।
अर्जुन कपूर अब तक जिस तरह के रोल करते रहे हैं उससे अलग नजर आए हैं और दर्शकों को खूब भाते हैं। खासतौर से जब वे अपनी जीवनशैली को लेकर टीवी पर इंटरव्यू देते हैं तो बहुत ही सहज और वास्तविक नजर आते हैं। रोमांटिक सीन में उनकी करीना के साथ जबर्दस्त कैमिस्ट्री नजर आई है। सारे रोमांटिक सीन बहुत ही कमाल के हैं और बेहतरीन तरीके से फिल्माए गए हैं। एक सीन के लिए अमिताभ बच्चन व जया बच्चन भी आए हैं और फिल्म के एक खास मोड़ पर उनके किरदार कहानी के लिए सहायक साबित होते हैं।
संगीत के लिहाज से भी फिल्म ठीक-ठाक है। गीत भले ही सुनने में एक ही (हाई हील) अच्छा है लेकिन फिल्म देखते समय वे सीन की डिमांड के हिसाब से बहुत ही अच्छे लगे हैं।
सीख:- अगर आप शादीशुदा हैं तो ये फिल्म मियां-बीवी के लिए है, और अगर शादी नहीं हुई और करने का इरादा है तो फिर तो इसे जरूर देखें, आपकी कुछ मुश्किल ही कम करेगी।

- हर्ष कुमार

1 comment: