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Saturday 28 May 2022
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EP314: Sibal को राज्यसभा भेजकर Akhilesh फिर बड़ी गलती कर रहे हैं ? | Yas...
आज रात का शो/Episode314/Highlights::
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Monday 16 May 2022
Sunday 15 May 2022
‘राजनीतिक राकेश टिकैत’ की वजह से भाकियू दो फाड़
चुनावों में रालोद को समर्थन देने का ऐलान किया था नरेश टिकैत ने
लखनऊ में भाकियू अराजनैतिक का गठन, राजेश चौहान अध्यक्ष बने
पुराने कार्यकर्ताओं की संगठन में उपेक्षा का भी लगाया आरोप
हर्ष कुमार सिंह
कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल चले किसान आंदोलन के पोस्टर ब्वॉय रहे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को पिता स्व. महेंद्र सिंह टिकैत की 11वीं पुण्यतिथि पर बड़ा झटका लगा। रविवार को भाकियू के एक असंतुष्ट धड़े ने लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन करके भाकियू (अराजनैतिक) संगठन बनाने का ऐलान कर दिया।कार्यक्रम का नाम - 'किसान आंदोलन की दशा और दिशा' रखा गया था।भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान (फतेहपुर) इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। खास बात यह है कि स्व. महेंद्र सिंह टिकैत की हमेशा मुखालफत करने वाली वेस्ट यूपी के जाटों की गठवाला खाप के मुखिया चौ. राजेंद्र सिंह मलिक (बाबा हरकिशन मलिक के बेटे) को इसका संरक्षक बनाया गया है। राकेश टिकैत के लिए बड़ा आघात यह है कि उनके साथ हमसाए की तरह रहने वाले भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक को इस नए संगठन का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है।
वैसे ये खबर मीडिया में शनिवार को ब्रेक हुई और यूपी के कुछ प्रादेशिक अखबारों ने इसे रविवार के अंक में छापा भी लेकिन शनिवार की देर रात तक खबर यही थी कि राकेश टिकैत ने खुद लखनऊ जाकर असंतुष्ट गुट से बात की है और उन्हें फिलहाल अपनी घोषणा को टालने के लिए मना लिया है। दरअसल रविवार को मुजफ्फरनगर स्थित टिकैत के पैतृक गांव व भाकियू के मुख्यालय सिसौली में स्व. टिकैत की याद में उनकी पुण्यतिथि पर एक सभा का आयोजन किया गया। इसी का वास्ता देकर राकेश टिकैत ने इस घोषणा को टालने की बात इन सबसे कही और शनिवार की रात में ही वापस सिसौली लौट आए, लेकिन ये गुट माना नहीं।
रविवार को लखनऊ के गन्ना शोध संस्थान में एक कार्यक्रम आयोजित कर संगठन का ऐलान कर डाला। लखनऊ में राजेश सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि मूल भारतीय किसान यूनियन की जगह अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का गठन किया जाए। मेरा 33 साल से संगठन से जुड़ाव है।13 महीने के आंदोलन के बाद जब हम घर आए तो हमारे नेता राकेश टिकैत राजनीति से प्रेरित दिखाई दिए।हमने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि हम अराजनैतिक लोग हैं। हम किसी भी राजनीतिक संगठन के सहयोग में नहीं जाएंगे लेकिन हमने देखा कि हमारे नेताओं ने एक राजनीतिक दल के प्रभाव में आकर उसके लिए प्रचार करने के लिए आदेशित किया। गौरतलब है कि भाकियू के अध्यक्ष व राकेश के बड़े भाई नरेश टिकैत ने रालोद के प्रत्याशियों को जिताने का आह्वान कर दिया था और बाद में इस बात से मुकर भी गए थे। चौहान ने कहा कि मैंने इसका विरोध किया लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। चुनाव के बाद कहा गया कि ईवीएम की रक्षा करें। हमने कहा कि यह किसानों का नहीं राजनीतिक दल के लोगों का काम है।मैंने चंदे का रुपया छुआ भी नहीं। 33 साल में जितने भी आंदोलन हुए कंधे से कंधा मिलाकर लड़ा।अब हम राजनीतिक दल में नहीं रहेंगे। हमारा काम किसान को सम्मान दिलाना है। बहरहाल इस मामले को लेकर नेशनल मीडिया खबरें चला रहा है कि राकेश व नरेश टिकैत (भाकियू अध्यक्ष व स्व. महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे) को भाकियू से निकाला गया है। हालांकि इस तरीके से इसका आकलन सही नहीं है। एक अलग गुट बना है और भाकियू के कई गुट पहले से ही हैं। भानू गुट पहले से सक्रिय है, एक नया गुट और बन गया। इस प्रकरण से यह बात तो साफ हो गई कि राकेश टिकैत संगठन को राजनीति से दूर रखने में विफल रहे। जबकि उनके पिता कभी राजनेताओं को समर्थन या विरोध नहीं करते थे। राकेश टिकैत ने पिछले विस चुनाव में बीजेपी नेताओं के बहिष्कार का ऐलान कई बार किया था और इस बात को लेकर भी संगठन में एकराय नहीं थी। बहरहाल आने वाले समय में संगठन को खड़े रखा पाना टिकैत बंधुओं के लिए बड़ी चुनौती होगा।
धर्मेंद्र मलिक ने क्यों छोड़ा साथ?
राकेश टिकैत के करीबी धर्मेंद्र मलिक का भाकियू छोड़ना बहुत ही चौंकाने वाला है। वे दिन रात साये की तरह राकेश के साथ रहते थे। हाल ही में हुए यूपी के विधानसभा चुनाव में धर्मेंद्र मलिक बुढ़ाना विधानसभा सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन राकेश टिकैत ने रालोद के प्रमुख जयंत चौधरी से उनके नाम की सिफारिश नहीं की। इस बात से भी धर्मेंद्र नाराज बताए जाते थे। धर्मेंद्र मलिक ने ‘नवोदय टाइम्स’ को बताया कि संगठन में पिछले एक साल में कुछ ऐसे लोग आ गए जिनका जमीनी स्तर पर कोई सहयोग नहीं रहा और उन्हें जिलाध्यक्ष और ना जाने कितने पद बांट दिए गए।पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी।मलिक अक्सर भाकियू की तरफ से टीवी डिबेट्स में नजर आते थे। देश विदेश में जाने वाले किसान प्रतिनिधमंडलों में भी भाकियू का प्रतिनिधित्व किया करते थे। मुजफ्फरनगर में हुई 5 सितंबर 2021 की महापंचायत का मंच संचालन भी धर्मेंद्र ने किया था। धर्मेंद्र का कहना था कि सरकार हमें विरोधी दल की तरह ट्रीट कर रही थी जो सही नहीं था। सभी राजनीतिक दलों के साथ भाकियू का टकराव होता रहा लेकिन ऐसा हालात कभी नहीं हुए जैसे अब हो चले थे।
Saturday 14 May 2022
राकेश टिकैत की वजह से बिखरने वाली है BKU | स्व. महेंद्र सिंह टिकैत की 11...
किसान आंदोलन के पोस्टर ब्वॉय रहे राकेश टिकैत की वजह से ही उनके पिता का बनाया संगठन भाकियू बिखराव की ओर बढ़ गया है। राकेश के राजनीतिक गतिविधियों से नाराज होकर भाकियू के पुराने कार्यकर्ता एक अलग संगठन बनाने जा रहे हैं। पेश है मेरी एक्सक्लूसिव रिपोर्टःः
Friday 13 May 2022
Wednesday 11 May 2022
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नरेंद्र मोदी को अमित शाह से बेहतर कोई नहीं जानता। मोदी पर एक किताब के विमोचन समारोह में अमित शाह ने मोदी के बारे में जो बातें कही वो शायद कोई नहीं जानता था। यह पूरा वीडियो आपके लिएः-
Saturday 7 May 2022
Thursday 5 May 2022
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Wednesday 4 May 2022
Sunday 1 May 2022
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