Youtube : @harshkibaatLIVE | टि्वटर पर फॉलो करने के लिए बच्चन साहब का आभार [ contact: mail - harsh-kumar@outlook.com
Saturday 17 December 2022
Thursday 15 December 2022
Saturday 10 December 2022
Monday 31 October 2022
Saturday 29 October 2022
EP444: वामपंथी मीडिया का केजरीवाल से मोह भंग, रवीश कुमार ने राहुल गांधी ...
Tuesday 25 October 2022
Monday 24 October 2022
Friday 21 October 2022
Wednesday 19 October 2022
Monday 17 October 2022
Monday 10 October 2022
Friday 7 October 2022
Monday 3 October 2022
EP423: खडगे के बच्चों के नाम जान लीजिए, सारी कहानी समझ जाएंगे | 6 राज्यो...
Sunday 2 October 2022
Tuesday 27 September 2022
Friday 23 September 2022
EP416: PFI ने अपना असली रंग दिखाया | Modi का अर्बन नक्सल पर प्रहार और जय...
Sunday 18 September 2022
Saturday 10 September 2022
Narendra Modi को सबसे ज्यादा Uttar Pradesh पर भरोसा | BJP, Yogi Adityana...
Thursday 1 September 2022
राजीव प्रताप रुडी बोले, मेरा रिटायरमेंट हो चुका और अब मैं तीन काम करता ह...
Saturday 27 August 2022
Monday 22 August 2022
EP390: राजनीतिक ब्लफ की मिसाल हैं आपिये | लाठियों से नौकरियां चिपकाई | ...
Wednesday 17 August 2022
Tuesday 16 August 2022
Thursday 28 July 2022
EP369: Smriti vs Sonia, संसद में भिड़ंत | Parth पर गिरी गाज | Arpita, S...
Monday 25 July 2022
रंग बदलने वाला एकमात्र शिवलिंग है जहां, हर वर्ष लाखों करते हैं जलाभिषेक ...
Saturday 23 July 2022
Friday 22 July 2022
Thursday 21 July 2022
Wednesday 20 July 2022
EP362: मूसेवाला के दाग को धो दिया पंजाब पुलिस ने? | Chhatisgarh | Mahara...
Sunday 17 July 2022
Monday 11 July 2022
Sunday 26 June 2022
Tuesday 21 June 2022
EP337: राष्ट्रपति चुनाव के प्रत्याशी घोषित, कौन जीतेगा? | Maharashtra की...
Saturday 18 June 2022
EP335: Bihar में JDU-BJP के रिश्तों का अग्निपथ | President Election | Mo...
भारत में ही हैं नुपुर शर्मा, कड़ी सुरक्षा | मुबंंई पुलिस को नहीं मिली, अ...
Thursday 16 June 2022
Wednesday 15 June 2022
Monday 13 June 2022
Wednesday 8 June 2022
Friday 3 June 2022
EP322: Kanpur में दिल्ली दोहराने की साजिश, Yogi ने दिखाए तेवर | UP में ए...
Thursday 2 June 2022
Saturday 28 May 2022
EP317: Rahul Gandhi London से लौटे नहीं हैं अभी | Nupur Sharma के खिलाफ ...
Thursday 26 May 2022
Wednesday 25 May 2022
EP314: Sibal को राज्यसभा भेजकर Akhilesh फिर बड़ी गलती कर रहे हैं ? | Yas...
Monday 16 May 2022
Sunday 15 May 2022
‘राजनीतिक राकेश टिकैत’ की वजह से भाकियू दो फाड़
चुनावों में रालोद को समर्थन देने का ऐलान किया था नरेश टिकैत ने
लखनऊ में भाकियू अराजनैतिक का गठन, राजेश चौहान अध्यक्ष बने
पुराने कार्यकर्ताओं की संगठन में उपेक्षा का भी लगाया आरोप
हर्ष कुमार सिंह
कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल चले किसान आंदोलन के पोस्टर ब्वॉय रहे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को पिता स्व. महेंद्र सिंह टिकैत की 11वीं पुण्यतिथि पर बड़ा झटका लगा। रविवार को भाकियू के एक असंतुष्ट धड़े ने लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन करके भाकियू (अराजनैतिक) संगठन बनाने का ऐलान कर दिया।कार्यक्रम का नाम - 'किसान आंदोलन की दशा और दिशा' रखा गया था।भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान (फतेहपुर) इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं। खास बात यह है कि स्व. महेंद्र सिंह टिकैत की हमेशा मुखालफत करने वाली वेस्ट यूपी के जाटों की गठवाला खाप के मुखिया चौ. राजेंद्र सिंह मलिक (बाबा हरकिशन मलिक के बेटे) को इसका संरक्षक बनाया गया है। राकेश टिकैत के लिए बड़ा आघात यह है कि उनके साथ हमसाए की तरह रहने वाले भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक को इस नए संगठन का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया है।
वैसे ये खबर मीडिया में शनिवार को ब्रेक हुई और यूपी के कुछ प्रादेशिक अखबारों ने इसे रविवार के अंक में छापा भी लेकिन शनिवार की देर रात तक खबर यही थी कि राकेश टिकैत ने खुद लखनऊ जाकर असंतुष्ट गुट से बात की है और उन्हें फिलहाल अपनी घोषणा को टालने के लिए मना लिया है। दरअसल रविवार को मुजफ्फरनगर स्थित टिकैत के पैतृक गांव व भाकियू के मुख्यालय सिसौली में स्व. टिकैत की याद में उनकी पुण्यतिथि पर एक सभा का आयोजन किया गया। इसी का वास्ता देकर राकेश टिकैत ने इस घोषणा को टालने की बात इन सबसे कही और शनिवार की रात में ही वापस सिसौली लौट आए, लेकिन ये गुट माना नहीं।
रविवार को लखनऊ के गन्ना शोध संस्थान में एक कार्यक्रम आयोजित कर संगठन का ऐलान कर डाला। लखनऊ में राजेश सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी ने निर्णय लिया है कि मूल भारतीय किसान यूनियन की जगह अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का गठन किया जाए। मेरा 33 साल से संगठन से जुड़ाव है।13 महीने के आंदोलन के बाद जब हम घर आए तो हमारे नेता राकेश टिकैत राजनीति से प्रेरित दिखाई दिए।हमने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि हम अराजनैतिक लोग हैं। हम किसी भी राजनीतिक संगठन के सहयोग में नहीं जाएंगे लेकिन हमने देखा कि हमारे नेताओं ने एक राजनीतिक दल के प्रभाव में आकर उसके लिए प्रचार करने के लिए आदेशित किया। गौरतलब है कि भाकियू के अध्यक्ष व राकेश के बड़े भाई नरेश टिकैत ने रालोद के प्रत्याशियों को जिताने का आह्वान कर दिया था और बाद में इस बात से मुकर भी गए थे। चौहान ने कहा कि मैंने इसका विरोध किया लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी। चुनाव के बाद कहा गया कि ईवीएम की रक्षा करें। हमने कहा कि यह किसानों का नहीं राजनीतिक दल के लोगों का काम है।मैंने चंदे का रुपया छुआ भी नहीं। 33 साल में जितने भी आंदोलन हुए कंधे से कंधा मिलाकर लड़ा।अब हम राजनीतिक दल में नहीं रहेंगे। हमारा काम किसान को सम्मान दिलाना है। बहरहाल इस मामले को लेकर नेशनल मीडिया खबरें चला रहा है कि राकेश व नरेश टिकैत (भाकियू अध्यक्ष व स्व. महेंद्र सिंह टिकैत के बड़े बेटे) को भाकियू से निकाला गया है। हालांकि इस तरीके से इसका आकलन सही नहीं है। एक अलग गुट बना है और भाकियू के कई गुट पहले से ही हैं। भानू गुट पहले से सक्रिय है, एक नया गुट और बन गया। इस प्रकरण से यह बात तो साफ हो गई कि राकेश टिकैत संगठन को राजनीति से दूर रखने में विफल रहे। जबकि उनके पिता कभी राजनेताओं को समर्थन या विरोध नहीं करते थे। राकेश टिकैत ने पिछले विस चुनाव में बीजेपी नेताओं के बहिष्कार का ऐलान कई बार किया था और इस बात को लेकर भी संगठन में एकराय नहीं थी। बहरहाल आने वाले समय में संगठन को खड़े रखा पाना टिकैत बंधुओं के लिए बड़ी चुनौती होगा।
धर्मेंद्र मलिक ने क्यों छोड़ा साथ?
राकेश टिकैत के करीबी धर्मेंद्र मलिक का भाकियू छोड़ना बहुत ही चौंकाने वाला है। वे दिन रात साये की तरह राकेश के साथ रहते थे। हाल ही में हुए यूपी के विधानसभा चुनाव में धर्मेंद्र मलिक बुढ़ाना विधानसभा सीट से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा थी लेकिन राकेश टिकैत ने रालोद के प्रमुख जयंत चौधरी से उनके नाम की सिफारिश नहीं की। इस बात से भी धर्मेंद्र नाराज बताए जाते थे। धर्मेंद्र मलिक ने ‘नवोदय टाइम्स’ को बताया कि संगठन में पिछले एक साल में कुछ ऐसे लोग आ गए जिनका जमीनी स्तर पर कोई सहयोग नहीं रहा और उन्हें जिलाध्यक्ष और ना जाने कितने पद बांट दिए गए।पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही थी।मलिक अक्सर भाकियू की तरफ से टीवी डिबेट्स में नजर आते थे। देश विदेश में जाने वाले किसान प्रतिनिधमंडलों में भी भाकियू का प्रतिनिधित्व किया करते थे। मुजफ्फरनगर में हुई 5 सितंबर 2021 की महापंचायत का मंच संचालन भी धर्मेंद्र ने किया था। धर्मेंद्र का कहना था कि सरकार हमें विरोधी दल की तरह ट्रीट कर रही थी जो सही नहीं था। सभी राजनीतिक दलों के साथ भाकियू का टकराव होता रहा लेकिन ऐसा हालात कभी नहीं हुए जैसे अब हो चले थे।