रजनीकांत और अक्षय कुमार की फिल्म 2.0 भारतीय सिनेमा में वीएफएक्स तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल का जीता जागता प्रमाण है। फिल्म में पर्यावरण बचाने के लिए भी संदेश देने का प्रयास किया गया है। फिल्म में मोबाइल रेडिएशन के मुद्दे को गरमजोशी से उठाया गया है। यह ऐसा विषय है जिसके बारे में अभी कोई भी गंभीर नहीं नजर आता। जबकि एक समय ऐसा आएगा कि हम सब इसके दुष्प्रभावों को झेल रहे होंगे और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। इस फिल्म को 14 भाषाओं में डब किया गया हैं।
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पिछले कुछ सालों में सामने आई सबसे बड़ी निराशाओं में से एक है ठग्स आफ हिंदोस्तान। अमिताभ बच्चन और आमिर खान को लेकर जो हिट फिल्म बनाई जानी चाहिए थी वह बन नहीं पाई। यह एक बड़ा मौका था फिल्मकारों के लिए जिसे मिस कर दिया गया। अब पता नहीं ये दोनों अभिनेता किसी दूसरी फिल्म में साथ आ पाएंगे या नहीं। निर्माता-निर्देशक ने सोचा था कि उनके हाथ में शोले है जबकि ये आरजीवी की शोले निकली। फिल्म ने किस तरह से दर्शकों को निराश किया यह देखिए समीक्षक हर्ष कुमार सिंह के इन दो वीडियो ब्लॉग मेः-
Rating- 2*
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बड़ी हिट देने की पुरजोर कोशिश नजर आ रही शाहरुख की 'जीरो'
शाहरुख खान की नई फिल्म 'जीरो' उनके कैरियर की सबसे प्रयोगधर्मी मूवी नजर आ रही है। खुद शाहरुख बौने आदमी का रोल कर रहे हैं और हिरोईन अनुष्का शर्मा एक विकलांग लड़की का रोल कर रही हैं। लगता है कि पिछली कई फिल्मों के नतीजे सही न रहने की वजह से किंग खान कुछ नया करने के लिए बेताब थे और इसलिए यह फिल्म बनाई गई है।
हालांकि शाहरुख ने पिछले साल 'जब हैरी मेट सेजल' के रूप में इम्तियाज अली के साथ भी कुछ नया करने की सोची थी लेकिन केवल डायरेक्टर ही नया हो पाया, कहानी पुरानी ढर्रे की (जब वी मेट टाइप की) होने के कारण फिल्म बाक्स आफिस पर नहीं चल पाई। इसके बाद आई 'रईस' के साथ भी कुछ ऐसा ही था। 80 -90 के दशक की पुरानी कहानी थी 'रईस' की जो पैसा तो कमा ले गई लेकिन शाहरुख की सलमान या आमिर जैसी बड़ी हिट देने की आरजू पूरी नहीं हो सकी। ऐसे में 'जीरो' निश्चित रूप से शाहरुख के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण फिल्म है।
मार्किटिंग:
शाहरुख हमेशा ही अपनी फिल्मों की तगड़ी मार्किटिंग के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 'चेन्नई एक्सप्रेस' व 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी कमजोर फिल्मों को भी हिट की श्रेणी में ला दिया था। पर अब जमाना बदल रहा है। सिनेमा में जाने वाला दर्शक सोच समझकर पैसा निकालता है। अगर उसे विषय भा जाए तो वह 'बधाई हो' जैसी साधारण बजट की फिल्म पर भी नोट बरसा देता है। शाहरुख को भी 'जीरो' से ऐसी ही उम्मीद होगी। उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर 2 नवंबर को मुंबई के वडाला स्थित आईमैक्स सिनेमा में इसका ट्रेलर लांच किया। इसमें देश भर की मीडिया का बुलाया गया। शाहरुख व निर्देशक आनंद एल राय (तनु वेड्स मनु) के साथ दोनों हिरोईनें अनुष्का व कैटरीना मौजूद रही। भव्य कार्यक्रम हुआ और ट्रेलर लांच कर दिया गया।
ट्रेलर:
ट्रेलर अच्छा है। तीन मिनट से अधिक का यह ट्रेलर पूरी फिल्म की कहानी ही बता देता है। बस देखने के लिए यही बचा है कि शाहरुख किस हिरोईन को अपनाता है। मुझे लगता है कि अनुष्का के साथ ही शाहरुख की शादी होगी। कहानी कुछ यूं नजर आती है- बऊआ सिंह मेरठ में रहता है और बौना है। किसी सुंदर लड़की से शादी करना चाहता है। शादी का एजेंट उसे एक लड़की (अनुष्का) की फोटो दिखाता है। जब बऊआ लड़की से मिलने जाता है तो देखता है कि वह तो व्हील चेयर पर चलती है और ठीक से बोल भी नहीं पाती। ठीक उस तरह जैसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग थे। इसके बाद भी बऊआ उसे पसंद करने लगता है। इसी बीच उसके जीवन में आती है एक बड़ी फिल्म स्टार (कैटरीना)। अब फिल्म यही है कि दोनों में से कौन उसे चुने और वह किसके साथ जाना चाहता है ? यही फिल्म है। ट्रेलर से सब कुछ साफ है बस क्लाईमैक्स नहीं खोला गया है।
आकलनः
ट्रेलर में फिल्म के गीतों के बारे में ज्यादा नहीं पता चलता है। फिल्म
176 मिनट लंबी बताई जा रही है। जो मेरे हिसाब से काफी लंबी है। लगभग तीन
घंटे की फिल्म तभी चल पाती है जब स्क्रिप्ट बहुत ही शानदार हो और संपादन
चुस्त। इसके अलावा संगीत भी शानदार होना चाहिए। तभी तीन घंटे तक आदमी
थियेटर में बैठ सकता है। मराठी फिल्म 'सैराट' (धड़कन) वाले संगीतकार अजय अतुल ने म्यूजिक
दिया है लेकिन गीत कैसे हैं यह साफ नहीं हो सका है ? शाहरुख की पिछली
फिल्मों 'रईस', 'जब हैरी मेट सेजल', 'फैन' व 'दिलवाले' का संगीत कुछ खास नहीं चला
था। देखते हैं इसमें कैसा संगीत है ?
- हर्ष कुमार सिंह trailer of ZERO :-
teaser of ZERO :-
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