Wednesday 6 January 2016

Farhan Akhtar: A versatile personality...more than a film artist

फरहान अख्तरः कलाकार ही नहीं एक बेहतरीन बौद्धिक व्यक्तित्व भी
हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली कलाकारों में से एक फरहान अख्तर का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री लोगों का मनोरंजन करके देश के प्रति अपने योगदान को भली भांति निभा रही है। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री के लोग कुछ इस तरह से भी देश के लिए अपना योगदान कर रहे हैं जिसका बखान करने की वे (योदगान करने वाले कलाकार) जरूरत नहीं समझते।

फरहान अपनी फिल्म ‘वजीर’ के प्रमोशन के सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली में थे और अपने निर्माता विधु विनोद चोपड़ा, निर्देशक बिजॉय नांबियार व फिल्म में अपनी नायिका अदिति राव हैदरी के साथ ‘पंजाब केसरी (जालंधर)/नवोदय टाइम्स’ के दफ्तर आए थे। फरहान के साथ बातचीत से ये साफ नजर आया कि वे जितने बेहतरीन निर्माता, निर्देशक, लेखक, गायक व अभिनेता हैं उससे भी बेहतरीन वे इंसान के तौर पर हैं। दूसरी फिल्मी हस्तियों से बिल्कुल अलग फरहान देश, समाज और अपनी फिल्म बिरादरी के बारे में बहुत सजग व सतर्क नजर आते हैं और चीजों को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं।


सवाल जवाब का सिलसिला चला तो फरहान से सवाल उनकी फिल्म ‘वजीर’ के बारे में कम और दूसरे विषयों पर ज्यादा हो रहे थे। दरअसल फरहान में ये गुण अपने पिता जावेद अख्तर से आया है। जावेद साहब भी समाज के बारे में अपना एक नजरिया रखते हैं और ये उनकी बातों व शायरी में भी झलकता है। फरहान का कहना था कि फिल्म कलाकारों से लोगों की आशाएं बहुत होती हैं। हर विषय पर लोग हम लोगों का व्यू जानना चाहते हैं। ऐसे में हम लोग कई बार निशाने पर भी आ जाते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अगर आप किसी विषय पर अपना कोई स्टैंड रखते हैं तो फिर आपको इसे निभाना भी चाहिए। ऐसे में हम लोग कुछ ऐसे मुद्दों पर बात करने से बचते हैं जिन पर बाद में चलकर कायम रह पाना मुमकिन न हो पाए। वैसे लोग हमसे तो अपेक्षा रखते हैं कि हम हर विषय पर बोलें लेकिन क्या आपने कभी डाक्टर्स को किसानों के आत्महत्या के मसले पर बोलते या धरना प्रदर्शन करते देखा है ? मैंन तो दूसरे वर्गों के लोगों को इस तरह के मुद्दों पर आवाज उठाते बहुत कम देखा है। जब हमें लगता है कि किसी मुद्दे पर बोलना जरूरी है तो हम बोलते भी हैं और अपना पक्ष भी रखते हैं। कभी इसे पॉजिटिव तरीके से देखा जाता है तो कभी निगेटिव।

‘वजीर’ के बारे में फरहान का कहना था कि ये फिल्म उनकी अब तक बतौर अभिनेता की गई दूसरी फिल्मों से बिल्कुल अलग है। इसमें वे एक एटीएस अफसर की भूमिका में है जिसके लिए एक अलग तरह की मनःस्थिति की जरूरत होती है। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की है। पिछले काफी समय से फरहान बतौर अभिनेता (जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, भाग मिल्खा भाग, दिल धड़कने दो) ही नजर आ रहे हैं। जबकि डायरेक्टर के रूप में उनकी अंतिम फिल्म ‘डॉन 2’ थी जिसे आए कई साल बीत चुके हैं। इस बारे में उनसे सवाल किया तो फरहान का कहना था कि अभी डायरेक्शन से उन्होंने ब्रेक लिया हुआ है। अभिनय व गायकी को वे काफी इंजॉय करते हैं और फिलहाल इसी पर फोकस कर रहे हैं। डायरेक्शन के बारे में उनका कहना था कि जब उन्हें लगेगा कि उनके पास कोई ऐसी कहानी आ गई है जिसे डायरेक्ट किया जाना चाहिए तो वे जरूर करेंगे। अपनी आने वाले फिल्म ‘रॉक आन2’ को लेकर भी फरहान काफी उत्साहित हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे इस फिल्म से भी सबका दिल जीत सकेंगे जैसा कि उन्होंने ‘रॉक आन’ में किया था।
‘वजीर’ में मेगा स्टार अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के अनुभव को भी उन्होंने अद्भुत बताया। फरहान का कहना है कि अमित जी बतौर साथी कलाकार व बतौर निर्देशक उन्हें अलग-अलग रूप में नजर आए। ‘वजीर’ में उनके साथ गीत भी गाने का मौका मिला और ये अनुभव भी लाइफ टाइम रहा।

- हर्ष कुमार

4 comments:

  1. Shayad apne pura interview attend ni kiya... unhone ek b social question ka jawab ni diya...!!!!

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    1. when I asked him above Qs he answered as I write up in my this blog post. I put up only those Qs which are asked by me and he answered. Thanks for reading and your comments.

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